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ज़िन्दगी गुलज़ार है

०८ जनवरी – कशफ़

कल सना की शादी भी हो गयी है और ज़िम्मेदारियों के पहाड़ एक-एक करके मेरे कंधों से उतर रहे हैं. मैं अपनी बहनों के मुस्तक़बिल (भविष्य) के बारे में परेशान रहती थी, क्योंकि रूपये नाम की कोई चीज़ हमारे पास नहीं थी और उन्हें तालीम में दिलचस्पी नहीं थी और मैं सोचती थी कि उनकी शादी कैसे होगी. क्या एक बार फिर हमें रिश्तेदारों के आगे हाथ फैलाना पड़ेगा. मगर वो बहुत ख़ुशकिस्मत हैं. उन्हें किसी मेहनत और परेशानी के बगैर ही सब कुछ मिल गया है और मेरा ये अक़ीदा (विश्वास) मज़ीद (बढ़ गया) हो गया है कि दुनिया में सिर्फ़ वोही शख्स कुछ पा सकता है, जो दौलतमंद या ख़ूबसूरत हो, मेरी बहनें बहुत ज्यादा ख़ूबसूरत न सही, बहरहाल ख़ूबसूरत हैं.

जब आसमां के लिए अज़हर का प्रपोजल आया, तो मुझे हैरत हुई थी, क्योंकि आसमां ने रो-धोकर ग्रेजुएशन किया था और अज़हर इंजीनियर था और बहुत क़ाबिल था. माली लिहाज़ से वो अमीर ना सही, मगर बहुत अच्छे थे, फिर उन्होंने जहेज़ लेने से बिल्कुल इंकार कर दिया था. पहले अज़हर की अम्मी मेरे रिश्ते की ख्वाहिशमंद थी, मगर मैंने अम्मी से कहा था कि मेरे बजाय उन्हें आसमां के लिए कहें और अज़हर की अम्मी हर कीमत पर हमारे खानदान से रिश्तेदारी क़ायम करना चाहती थी, सो उन्होंने आसमां के लिए वोही प्रपोजल भिजवा दिया. उसकी शादी को एक साल हो चुका है और वो अज़हर के साथ बहुत ख़ुश है.

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3 Comments

shahil khan

20-Mar-2023 07:05 PM

nice

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Radhika

09-Mar-2023 04:25 PM

Nice

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Alka jain

09-Mar-2023 04:12 PM

👌👍🏼

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